डिजिटल अरेस्ट क्या है | Digital Arrest Kya hai | Digital Arrest Scam
हाल ही में भारत में एक नया साइबर अपराध सामने आया है, जिसे डिजिटल अरेस्ट स्कैम कहा जा रहा है। इसमें धोखेबाज व्हाट्सएप और अन्य वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों से संपर्क करते हैं और उन्हें झूठे अपराधों में फंसाने की धमकी देकर पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। इस घोटाले को लेकर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और साइबर क्राइम एजेंसियों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम क्या है?
यह एक ऑनलाइन धोखाधड़ी है जिसमें ठग खुद को सरकारी अधिकारी, पुलिसकर्मी, सीबीआई या किसी अन्य संस्था का प्रतिनिधि बताकर लोगों से संपर्क करते हैं। वीडियो कॉल के दौरान वे पीड़ित को बताते हैं कि उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी या अन्य गंभीर अपराधों के आरोप हैं। इसके बाद, वे व्यक्ति को डिजिटल तरीके से गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं और इस गिरफ्तारी से बचने के लिए भारी रकम की मांग करते हैं।
इस स्कैम का मुख्य उद्देश्य डर और भ्रम फैलाकर लोगों से पैसे वसूलना होता है।
यह स्कैम कैसे काम करता है?
- व्हाट्सएप या अन्य प्लेटफॉर्म पर संपर्क करना – स्कैमर्स पीड़ित को अनजान नंबर से वीडियो कॉल करते हैं।
- अधिकारी के रूप में पहचान बताना – वे नकली पुलिस वर्दी पहनकर, सरकारी ऑफिस जैसा बैकग्राउंड दिखाकर खुद को अधिकारी साबित करने की कोशिश करते हैं।
- फर्जी आरोप लगाना – पीड़ित को बताया जाता है कि वह किसी गंभीर अपराध में शामिल है और जल्द ही उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
- डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी देना – ठग "डिजिटल अरेस्ट" की बात करते हैं, जो वास्तव में कानूनी रूप से मान्य नहीं है।
- पैसे की मांग करना – गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर मोटी रकम की मांग की जाती है, जिसे बैंक ट्रांसफर, डिजिटल वॉलेट या क्रिप्टोकरेंसी के जरिए देने को कहा जाता है।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम के उदाहरण
🔹 उदाहरण 1:
दिल्ली के एक व्यवसायी को व्हाट्सएप पर एक वीडियो कॉल मिली, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि उसका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल है। घबराए व्यवसायी से ₹10 लाख की मांग की गई, ताकि मामला खत्म किया जा सके।
🔹 उदाहरण 2:
मुंबई में एक महिला को एक फोन कॉल आया, जिसमें कहा गया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी में हुआ है। डर के कारण महिला ने अपने बैंक खाते से ₹5 लाख ट्रांसफर कर दिए। बाद में उसे एहसास हुआ कि यह एक धोखाधड़ी थी।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम के प्रकार
स्कैम का प्रकार | कैसे काम करता है? |
---|---|
वीडियो कॉल स्कैम | स्कैमर्स वीडियो कॉल के जरिए डराने का प्रयास करते हैं। |
फर्जी ईमेल/लेटर स्कैम | नकली सरकारी दस्तावेज भेजकर धमकी दी जाती है। |
ऑनलाइन चैट स्कैम | स्कैमर्स व्हाट्सएप या टेलीग्राम पर सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को डराते हैं। |
RBI और साइबर क्राइम एजेंसियों की चेतावनी
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और साइबर क्राइम एजेंसियों ने इस तरह के स्कैम को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
RBI की चेतावनी:
🚨 "डिजिटल गिरफ्तारी जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती। अगर आपको इस तरह की धमकी मिलती है, तो घबराएं नहीं और तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।"
डिजिटल अरेस्ट स्कैम से कैसे बचें?
✅ 1. अनजान वीडियो कॉल्स से बचें – किसी भी अनजान व्यक्ति के वीडियो कॉल का जवाब न दें, खासकर अगर वे खुद को अधिकारी बताकर पैसे मांगते हैं।
✅ 2. आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें – अगर आपको कोई कानूनी नोटिस या कॉल मिले, तो संबंधित सरकारी एजेंसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जानकारी लें।
✅ 3. गोपनीय जानकारी साझा न करें – अपने आधार नंबर, बैंक डिटेल्स, पासवर्ड या अन्य व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
✅ 4. डर और दबाव में न आएं – ठगों का सबसे बड़ा हथियार डर फैलाना है। कोई भी असली सरकारी एजेंसी फोन पर पैसे नहीं मांगती।
✅ 5. साइबर क्राइम को रिपोर्ट करें – अगर आपको लगता है कि आप इस स्कैम का शिकार हो गए हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
निष्कर्ष
डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक नया और खतरनाक साइबर अपराध है, जो लोगों को डराकर उनसे पैसे ऐंठने का प्रयास करता है। इस तरह के घोटालों से बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता बहुत जरूरी है। अगर आपको इस तरह की कोई कॉल या मैसेज मिलता है, तो उसकी सत्यता की जांच करें और तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करें।
💡 याद रखें: "कानून में डिजिटल गिरफ्तारी जैसा कुछ नहीं होता। कोई भी सरकारी एजेंसी आपको फोन पर पैसे देने के लिए मजबूर नहीं करेगी!" 🚨
0 Comments